छत्तीसगढ़ को 1800 करोड़ का बड़ा झटका, एनटीपीसी’ ने तलाईपल्ली कोयला खान समझौता समाप्त किया

देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने बीजीआर माइनिंग एंड इंफ्रा लिमिटेड के साथ  छत्तीसगढ़-झारखंड औरमें अपनी कोयला खानों के विकास एवं खनन का समझौता समाप्त कर दिया है. इससे छत्तीसगढ़ के खजाने को 1800 करोड़ का चूना लगने का अनुमान है. 

सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने यह फैसला बीजीआर के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने के चलते किया है. कंपनी ने बीजीआर को एक निजी खनन कंपनी के तौर पर यह ठेका दिया था. एनटीपीसी ने चार जुलाई, 2019 को भेजे दो अलग पत्रों में झारखंड की चट्टी-बारिआतु कोयला खान और छत्तीसगढ़ की तलाईपल्ली कोयला खान से जुड़े समझौतों को समाप्त कर दिया है. इस संबंध में बीजीआर माइनिंग की टिप्पणी के लिए भेजे गये ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला है. इसी तरह, कंपनी के वरिष्ठ निदेशक आई सुधाकर रेड्डी को किया गया कॉल भी अनुत्तरित रहा.

कंपनी ने बीजीआर को इन दोनों खानों का ठेका नवंबर, 2017 को दिया था. दिसंबर, 2017 में सीबीआई ने समझौता करने में आपराधिक षंड्यंत्र, लोक अधिकारी द्वारा प्राधिकारी व्यक्ति की अनुमति के बिना मूल्यवान वस्तू रखने और अवैध रूप से रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया था. यह प्राथमिकी एनटीपीसी के वित्त निदेशक कुलमणि बिस्वाल और बीजीआर के निदेशकों में से एक रोहित रेड्डी एवं उसके सहयोगी प्रभात कुमार के खिलाफ दर्ज की गयी.

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