इंद्रावती के संरक्षण के लिए अब इंद्रावती प्राधिकरण
जन्म से मिलेगा जाति प्रमाणपत्र , बनेगा आदिवासी संग्रहालय , बस्तर कनिष्ठ चयन बोर्ड का होगा गठन

जगदलपुर । जीवनदायिनी नदी इन्द्रावती नदी है उसके लिए इन्द्रावती प्राधिकरण की घोषणा की है। उड़ीसा सरकार के साथ जो बातचीत करनी है और कानूनी प्रक्रिया है वो अलग चलती रहेगी लेकिन इन्द्रावती के लिए प्राधिकरण बनाया जाएगा। उक्त जानकारी प्रदेश के मुखिया सीएम भूपेश बघेल ने दी।

उन्होंने बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक के बाद कहा कि बैंक लोन मामले में जो भी गड़बड़ी हुई है और आदिवासियों के साथ छल किया गया है उसे गंभीरता से लिया जाएगा इस मामले में बारीकी से छानबीन करके जो भी दोषी लोग है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। सीएम भूपेश ने जाति प्रमाणपत्र मामले में कहा कि अनुसूचित जाति, जन जाति और पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र के लिए भटकते रहते है इस पर फैसला लिया गया है कि यदि किसी के पास जाति प्रमाणपत्र है तो बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र के साथ-साथ ही जाति प्रमाणपत्र बनाया जाएगा और अगले 3 महीने में इसका सरलीकरण कर दिया जाएगा।
वही उन्होंने बस्तर की जनता और जवानों को नई सौगात उन्होंने कहा कि बस्तर में आदिवासियों के लिए संग्रहालय बनाया जाएगा और नौजवानों के लिए कनिष्ठ चयन बोर्ड का गठन किया जाएगा। जिससे यहाँ के छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने आउटसोर्सिंग मामले में कहा कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग किया जा रहा था उसे बंद किया जाएगा। जो शिक्षक विधा मितान में भर्ती हुए थे उसे अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति की जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनएमडीसी मुख्यालय के लिए भारत सरकार से पत्राचार करने की बात कही। आपको बता दें कि बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल की अध्यक्षता में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित की गई थी जो संपन्न हो चुकी है और इस बैठक में सीएम भूपेश बघेल समेत मंत्री कवासी लखमा, डॉ शिवकुमार डहरिया, जय सिंह अग्रवाल, उपाध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण संतराम नेताम, विक्रम मंडावी, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह सांसद दीपक बैज, संभाग के सभी विधायक, जिला पंचायत के अध्यक्ष, मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।