बिलासपुर में आईजी बंगले के पास सामाजिक कार्यकर्ता नंद कश्यप पर गुंडों ने किया हमला

रायपुर. बिलासपुर के रहवासी देश के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता नंद कश्यप पर बीती रात कुछ गुंडों ने प्राणघातक हमला कर उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया है. हमले में कश्यप के बड़े भाई और उनके पुत्र अंकित कश्यप को भी चोटें आई है. अंकित फिलहाल अपोलो अस्पताल में भर्ती है जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.

बताया जाता है कि कश्यप बिलासपुर में ठीक आईजी बंगले के पास सिविल लाइन में निवास करते हैं. यहीं पर राकेश सहगल नाम का चिकित्सक पिछले कई सालों से एक अस्पताल का संचालन करता है. रिहाइशी इलाके में अस्पताल के संचालन की वजह से आए दिन पार्किंग को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित होते रहती है. बीती रात भी पार्किंग को लेकर बहस हुई और इतनी ज्यादा बढ़ गई कि थोड़ी ही देर में तालापारा के पालित गुंड़ों ने कश्यप और उनके परिजनों पर हमला कर दिया. बताते हैं कि तालापारा में तैय्यब नाम के शख्स ने पैसे लेकर काम करने वाले कुछ असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे रखा है. यह शख्स शहर के रसूखदार लोगों  इशारे पर अपनी फौज लेकर घटना स्थल पर पहुंच जाता है. शहर के वे लोग जो गुंडे और मवालियों से मदद लेने के आदी है अक्सर तैय्यब गैंग की सेवाएं लेते रहते हैं. ऐसे लोगों में शहर के नामी-गिरामी नेता भी शामिल है. सूत्रों का कहना है कि यह शख्स लोगों से मकान खाली करवाने से लेकर अन्य सभी तरह के अवैधानिक कामों को प्रोफेशनल तौर-तरीके से अंजाम देता है. ऐसा नहीं है कि पुलिस को इस गैंग की जानकारी नहीं है, लेकिन वह खामोश बनी रहती है. इस घटना में राकेश सहगल के साथ तैय्यब गैंग और गुलशन नाम के एक नेताजी की भूमिका सामने आई है. घटना के बाद पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों की धरपकड़ की है, लेकिन अब तक राकेश सहगल, तैय्यब और घटना से जुड़े प्रमुख लोग गिरफ्त से बाहर है. पीयूसीएल के पूर्व अध्यक्ष लाखन सिंह और अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने बताया कि बुधवार को घटना के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता और ट्रेड यूनियन से जुड़े लोग कलक्टर से मिलकर ज्ञापन सौपेंगे.

नंद कश्यप जी के अनुसार घटनाक्रम इस प्रकार है, पड़ोस के नर्सिंग होम में कोई आया था कार में जो अपनी गाड़ी बीच सड़क पर रखा हुआ था। हमारे सत्तर वर्षीय भाई और भाभी अपनी गाड़ी से आ रहे थे तो बीच सड़क खड़ी कार हटाने हार्न बजाया तो कार में बैठे दो युवकों ने उनके साथ गाली-गलौच शुरू कर दिया।मेरा बेटा अमित ने उन युवकों से बदतमीजी नहीं करने और गाड़ी हटाने कहा तब उनमें आपस गाली-गलौच हुई फिर उन दोनों लड़कों ने अमित के सिर और मुंह पर प्रहार कर दिया। जिससे उसके नाक और सिर से खून बहने लगा। आवाज़ सुन मैं नीचे उतरा तो अमित के सिर से खून बहता देख उसे हास्पिटल ले जाने भाई साहब की गाड़ी में बैठाया और डाक्टर और उन लड़कों पर चिल्लाया कि गुंडागर्दी करते हो, लेकिन उन लड़कों ने अपने साथियों को पहले ही फोन कर बुला लिया था ।
अमित को अस्पताल ले जाने भैया की गाड़ी एकाध मीटर आगे बढ़ी होगी कि चार पांच गाड़ियों में हाकी स्टिक और बेसबाल बैट से लैस 15-20 गुंडे उतरे और अमित को गाड़ी से उतारकर बहुत मारा मुझे भी जमीन पर गिराकर चार पांच गुंडों ने लात मुक्कों से मारा।हम अमित को लेकर घर वापस भागे तो वो लोग वहां भी आकर मुझे मेरे छोटे लड़के और हमारे भाई भतीजों से मारपीट किया। भैया भाभी और हम लोगों ने एफ आई आर करवाया है।प्रदीप भाई,रुचिर गर्ग और सतीश वर्मा जी तक बात पहुंची तो अटल श्रीवास्तव घर आए और थाने तक गये। वहां पता चला कि ये गुंडे कांग्रेस पार्षद तय्यब हुसैन के संरक्षण में है। खैर अटल हमारे साथ रहे। अमित अभी अपोलो में है। मुझे चोट चौतरफा लगा है हां गंभीर नहीं है ऐसा लगता है।आज चेकअप कराऊंगा।
सबसे बुरी बात यह कि डाक्टर यदि तुरंत पुलिस को फोन करता तो यह घटना नहीं होती परंतु खुद डाक्टर खड़े खड़े देख रहा था।शहर में छोटे मोटे झगड़ों आजकल फोन कर गैंग बुलाकर मारपीट आम होते जा रहा है।अभी 15 दिन पहले रवी बेनर्जी सेक्रेटरी सीपीएम के साथ भी ऐसा ही हुआ था।वो तो गैग के एक दो लड़के उन्हें जानते थे तो मामला ठंडा हो गया। अखबारों में आए दिन इस तरह की खबरें आ रही हैं। ये एक नया कल्चर बन रहा है और इसे सत्ता का संरक्षण मिल जाता है।कल रात में बीस के आसपास कांग्रेस के छुटभैय्ए नेता इन गुंडों को बचाने सिविल लाइंस थाने में जुटे हुए थे। ये प्रवृत्ति घातक है।हल्के फुल्के बहस मारपीट के बाद इस तरह गैंग के रूप में घर तक मे घुसकर मारपीट को किसी भी हालत में जायज़ नहीं ठहराया जा सकता। ये तो पूरे समाज को अपराधियों के हाथों सौंपने जैसा होगा।इसी एंगल से हम यहां विरोध करेंगे।यह जरूर है कि निजी तौर पर यह राजनीतिक हमला नहीं है। लेकिन इस तरह के गुंडागर्दी को संरक्षण बहुत बड़ी माफिया राजनीति है। कांग्रेस सरकार को और शासन प्रशासन को इस गैंग संस्कृति के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि युवा अपराधी न बनें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!