अघोषित आपातकाल : उदय Che

भोपाल एनकाउंटर के बाद पूरे देश में इसके खिलाफ और इसके पक्ष में बहस चल रही है
जिन्होंने सविधान पढ़ा है, वो इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे है। इस फर्जी इनकाउंटर की जाँच की मांग कर रहे है।
वही दूसरी तरफ जो जाहिल अंध भक्त है जिन्होंने एनकाउंटर को जायज ठहराने वाली नानापाटेकर टाइप की हिंदी फिल्में देखी है। वो सविधान की बात करने वालो को माँ-बहन की गालियां दे रहे है। इन 8 मुश्लिम युवकों को सेकुलरो का दामाद बता रहे है। फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ बोलने वालों को पोलिस पीट रही है। क्या ये अघोषित आपातकाल नही है।
घोषित आपातकाल से, अघोषित आपातकाल ज्यादा खतरनाक होता है।
एनकाउंटर भी 2 प्रकार के होते है।
किसी को भी अवैध तरीके से उठाया और कही ले जाकर गोली मार दी।
दूसरा एनकाउंटर होता है शक्श पोलिस की क्सटीडी में है या जेल में है उसको भगोड़ा दिखा कर गोली मारना। जेल से निकालकर इकॉउंटर करने का रिस्क कोई भी सरकार तब लेती है जब या तो बहुत बड़े राज पर उसको पर्दा डालना हो, या सरकार की पर्सनल खुंदक हो या बहुत बड़ा राजनितिक फायदा होता हो।
कामरेड पृथ्वी सिंह जो हरियाणा के गद्दावर वामपंथी नेता थे। उनका भी आपातकाल के दौरान एनकाउंटर करने की योजना सरकार ने बनाई थी।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के प्रथम छात्र संघ अध्यक्ष कामरेड पृथ्वी सिंह गोरखपुरिया हरियाणा के सर्वमान्य छात्र नेता थे। 1973 में हरियाणा में शिक्षक आंदोलन चल रहा था। शिक्षक आंदोलन को हरियाणा के छात्र संगठन स्पोर्ट कर रहे थे। हरियाणा के तानाशाह बंशीलाल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समाहरोह में बतौर मुख्य अतिथि आये। उन्होंने स्टेज से बोलते हुए कहा कि जो छात्र शिक्षक आंदोलन को स्पोर्ट कर रहे है उनको नोकरी सपने में भी नही मिलने वाली मेरी सरकार उनको नोकरी नही देगी। ये सुनने के बाद कामरेड पृथ्वी सिंह स्टेज पर आये अपनी डिग्री बंसीलाल से ली और उस डिग्री को फाड़ कर तानाशाह बंशीलाल को कहा कि अगर इस डिग्री से नोकरी नही मिलने वाली तो इसको अपने पास रखो।
इस डिग्री फाड़ने वाली घटना ने बंशीलाल को अंदर तक हिलाकर रख दिया। 1975 में जब आपातकाल लगा तो उस समय कॉमरेड पृथ्वी सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। बंशीलाल के कहने पर कॉमरेड को बहुत ज्यादा यातनाएं दी गयी। उसके पीछे से ग्रीस डाल दिया गया। इतनी यातनाएं देने के बाद भी बंशीलाल को शांति नही मिली। बंशीलाल ने जेलर से मिलकर कॉमरेड को जेल से भगोड़ा दिखाकर एनकाउंटर करने की प्लानिंग बनाई। कामरेड को माओवादी साबित कर दिया जाता। पूरा प्लान बन गया, जगह, समय सब तय हो गया। कामरेड को बोला जाता की आपकी जेल बदल रहे है। गाड़ी में बैठाते और रास्ते में तय जगह ले जाकर एनकाउंटर कर देते। एनकाउंटर होने के बाद कहानी होती की जेल तोड़ कर माओवादियों ने कामरेड पृथ्वी सिंह को भगाया एनकाउंटर में माओवादी पृथ्वी सिंह मारे गए। इस आपसी मुड़भेड़ में 2 सिपाई भी शहीद हो गए।
अब वो समय भी आ गया जिस समय इस घटना को अंजाम देना था। कामरेड को गाड़ी में जेल से बाहर भी ले जाया गया। वो उस समय महेंद्रगढ़ जेल में थे। लास्ट समय जेलर इस जन नेता से डर गया जेलर को लगा की कामरेड बहुत बड़ा छात्र नेता है जिसकी मजदूर, किसान, कर्मचारीयो में बहुत पैठ है। एनकाउंटर होते ही पूरे हरियाणा और आस-पास के स्टेट्स में बवाल मच जायेगा। जाँच हुई तो सारी जिम्मेदारी जेलर की होगी। इसलिए लास्ट समय जेलर पीछे हट गया। ये सारी घटना बहुत बाद में कामरेड पृथ्वी सिंह को एक नेता ने बताई।
ऐसे सैकड़ो फर्जी एनकाउंटर हमारे सामने है जिनमे बहुत समय बाद दोषी पोलिस व् सेना के अधिकारियो को जेल भी हुई है। अभी न्यू मामला भोपाल एनकाउंटर का है जिसमे 8 नोजवानो को जो आंतकवाद के आरोप में जेल में बंद थे। जिनका मामला कोर्ट में विचाराधीन था। उनको भी जेल से भगोड़ा दिखाकर एनकाउंटर में मार दिया गया। जेल से भागने की घटना सच्ची दिखाने के लिए जेल में ड्यूटी कर रहे हवलदार रमाकान्त यादव को भी मार दिया गया। इस पुरे मामले में कुछ सवाल जो उभर कर सामने आ रहे है जिसका सवाल मध्यप्रदेश की सरकार को देना चाहिए।

1. सीसीटीवी कैमरे खराब क्यों?
2. क्या पूरे जेल परिसर में सिर्फ 2 ही पुलिसवाले थे?
3. निगरानी टावर फ्लाप क्यों?
4. पेट्रोलिंग टीम नदारद क्यों?
5. 33 फुट ऊँची दीवार कैसे कूदे?
6. रात 2 बजे भागे आतंक वादी सिर्फ 10 Km. ही क्यों जा पाये जबकि सुबह होने तक लगभग 4 घंटे यानी सुबह 6 बजे तक उनको 40 कि.मी तक निकलना चाहिए था,
7. पुलिस ने उनको जिन्दा क्यों नही पकड़ने की कोशिश की? वीडियो में जिसपर गोली दाग़ते दिखाया गया है, उसको पकड़ा क्यों नहीं गया? सारे राज़ दफ़्न क्यों करना चाहती है सरकार?
सवाल और भी है लेकिन सरकार और उसके अंधभक्त सवाल उठाने पर पाबन्दी लगा रहे है। सवाल उठाने वालों को देशद्रोही साबित किया जा रहा है। लेकिन अगर आज इंसानियत को बचाना है तो इस अघोषित आपातकाल के खिलाफ देश के अमनपसन्द, प्रगतिशील व् क्रान्तिकारियो को इकठ्ठा होना पड़ेगा।
Uday Che

 

इस पोस्ट में व्यक्त विचार लेखक के अपने विचार है। यदि आपको इस पोस्ट में कही गई किसी भी बात पर आपत्ति हो तो कृपया हमें bhumkalsamachar@gmail.com पर ई-मेल करें… धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!