“बेटी बचाओ” अगर बचा सको तो…

श्याम मीरा सिंह

उम्मीद थी राज्य के अधिकारी, मंत्री, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, कोई तो इस लड़की को शब्बाशी देंगे, कोई तो कहेगा “तुम्हें रात के अंधेरे में डर नहीं लगता बेटी?”, कोई तो कहेगा “Proud of you बेटी तुमपर पूरे देश को गर्व है”।

लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ऐसा इस देश में हो भी नहीं सकता। इतनी रात, मंत्री जी के बेटे से भिड़ जाने में कितनी बार डर लगा होगा, कितनी बार हांथ कांपे होंगे ये तो इस बच्ची को ही पता होगा। लेकिन फिलहाल सभी देशवासियों को बधाई, आखिर इस लड़की ने इस्तीफा दे ही दिया है। जिसका नाम है सुनीता यादव। गुजरात पुलिस में कांस्टेबल हैं। सूरत शहर में तैनात हैं।

बीते दिन मंत्री जी के बेटे रात में घूमने निकले, मास्क नहीं था, नाइट कर्फ्यू नियमों के तहत इस लड़की ने मंत्री जी के बेटे को रोक लिया, मंत्री जी के बेटे में रौब इतना था कि मामूली चेकिंग भी “दुस्साहस” लगी। मंत्री जी के बेटे देख लेने की धमकी पर उतर आए, ये भी कहा कि तुमको यहीं 365 दिन तक खड़े करके रखेंगे। इसी बीच मंत्री जी के बेटे का दोस्त मिडिल फिंगर भी दिखाता है। ये मिडिल फिंगर ही शानदार भारतीय कानून व्यवस्था की उच्चतम होती रैंक की तरफ इशारा था, जो मिडिल फिंगर द्वारा रिप्रजेंट किया जा रहा था। मिडिल फिंगर बता रही थी कानून संविधान मंत्री जी की मिडिल वाली उंगली में लटका हुआ है।

लड़की ने मंत्री जी को फोन लगाया। मंत्री जी अपने बेटे पर ही गए थे, हारकर इस लड़की ने अपने अधिकारियों से बात की, लेकिन इस बच्ची का साथ देने के बजाय, मामला रफा दफा करने के लिए दबाव बनाया। गलती अधिकारियों की भी नहीं है। सिस्टम ऐसे ही काम करता है। जो मिडिल फिंगर लड़के ने दिखाई थी, वही हमारी नियति है नेताओं के आगे। प्रधानमंत्री ने तो शायद पहले ही आगाह कर दिया था कि “बेटी बचाओ”

अगर बचा सको तो…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!