बहती रहे दरियादिली की गंगा

किरीट ठक्कर ।


वैश्विक महामारी कोविड- 19 के संक्रमितों के बढ़ते आंकड़ो और लॉक डाउन के बीच मुक्त हस्त दानदाताओ , समाजसेवियों ने आशा और विश्वास का संचार किया है। महानगरों से लेकर गांव तक समाज सेवको , विभिन्न सामाजिक धार्मिक ,सामाजिक समितियों, युवा संगठनों ने लॉक डाउन में घर बैठे, बेरोजगार हो चुके आम लोगों तक राशन पहुचाने का बीड़ा उठा लिया है , अनेकों सांसद , विधायक , जनप्रतिनिधि , क्या नेता , क्या अभिनेता , उद्योगपति, व्यापारी सभी अपने अपने स्तर पर प्रधानमंत्री आपदा कोष , मुख्यमंत्री राहत कोष में खुलकर नगद राशि दान कर रहे हैं , देश के इन खास लोगो की दरियादिली काबिले तारीफ़ है। रोज- ब – रोज राहत कोषों में दान की राशि समर्पित की जा रही है , जैसे निरन्तर एक प्रवाह चल रहा हो , इधर जैसे जैसे संक्रमितों के आंकड़े बढ़ते हैं उधर वैसे ही नित नए दानदाता खुलकर सामने आ रहे हैं। देश के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा ने कोरोना वाइरस महामारी से निपटने के लिए 1500 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। महिंद्रा एंड महिंद्रा 7500 रुपयों में वेंटिलेटर उपलब्ध कराने प्रयासरत है।अभिनेता अक्षय कुमार ने 25 करोड़ रुपये राहत कोष में दे रहे हैं , साउथ की फ़िल्म इंडस्ट्रीज के अभिनेता दिग्दर्शक और संगीतकार भी इस मामले में पीछे नही है। शिर्डी साई मंदिर ट्रस्ट से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहतकोष में 51करोड़ रुपये , छत्तीसगढ़ की माता महामाया ट्रस्ट रतनपुर द्वारा पांच लाख ग्यारह हजार रुपये राहतकोष में दिये गये है , कहने का मतलब दरियादिली की एक अविरल धारा बह रही है। इस धारा के आगे कोरोना कब तक और कितना टिक पायेगा कहना मुश्किल किन्तु इस प्रवाह की निरन्तरता जरूरी है , अभी तो ये प्राम्भिक दौर है ,आगे चुनोतियाँ शेष है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा के अनुसार कोरोना की वजह से वर्ल्ड इकोनॉमी मंदी में प्रवेश कर चुकी है, इस मंदी से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में वित्त की जरूरत होगी , कहा जा रहा है की इस मंदी की वजह से हालात 2009 से भी ज्यादा खराब होंगें। वैश्विक पटल पर एक बुरी खबर ये भी आई है की जर्मनी के वित्त मंत्री थॉमस शेफर ने आत्महत्या कर ली है , थॉमस कोरोना वायरस से अर्थ व्यवस्था पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को लेकर दुखी थे , संभावना व्यक्त की गई है की उनकी आत्महत्या के पीछे यही कारण रहा है।
भारत में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर फिलहाल 21 दिनों का लॉक डाउन चल रहा है , जिसकी अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होगी , हालांकि इस अवधि को बढ़ाये जाने की आम चर्चा के बीच केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गुबां ने लॉक डाउन की अवधि बढ़ाने की संभावना से इनकार किया है , फिर भी बहुत कुछ परिस्थियों पर निर्भर करता है। इस समय देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है , सोशल डिस्टेंस जरूरी है , ऐसे में दरियादिली की गंगा का निरंतर प्रवाह जरूरी है।

किरीट ठक्कर ।

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