ढोलकल की पहाड़ियों में मंगोलिया, रषिया के साथ पक्षियों की 70 प्रजातियां मिली,

पक्षी अभ्यारण्य के साथ इको टूरिज्म की बढ़ी संभावना
एक्सक्लूसिव


पी.रंजन दास

बीजापुर। मिरतूर से लगी ढोलकल पहाड़ियांे की तराई घरेलू और विदेषी मेहमान पक्षियों के प्रवास के लिए एक आदर्ष स्थल के रूप में चिन्हित हुई है। यह जानकारी बस्तर में पक्षियों की प्रजातियों पर अध्ययन कर रही क्रो फाउंडेषन की तरफ से दी गई है। गत दिनों क्रो फाउंडेषन के अलावा सामुदायिक पर्यटन के लिए काम कर रही अनएक्सप्लोर्ड बस्तर एवं इको एक्षन टीम दंतेवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में ढोलकल षिखर और वनाच्छादित तराई क्षेत्र में दो दिनों का सर्वे कराया गया। जिसमें एनिमल लवर्स के अलावा प्रकृति प्रेमी भी शामिल हुए। दो दिनों के सर्वे में सघन वनाच्छादित ढोलकल की पहाड़ियों में पक्षियों की 70 प्रजातियों की पहचान की गई। जिसमें घरेलू पक्षियों के अलावा प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां भी सम्मिलित है। क्रो फाउंडेषन से ओरनिथोलिजिस्ट रवि नायडू ने नईदुनिया को बताया कि पहली बार दक्षिण बस्तर के एक हिस्से में प्रजनित वर्ग में पक्षियों की इतनी प्रजातियों को रिकाॅर्ड किया गया है। रवि के अनुसार ढोलकल पहाड़ियों का तराई हिस्सा पूरी तरह से वनाच्छादित है, जिसमें सिहाड़ी पेड़ की लम्बी-लम्बी बेले और पत्तों से समूचा इलाका ढका हुआ है, जिस वजह से सूर्य की किरणें भी पूरी तरह से यहां प्रवेष नहीं कर पाती है और यही कारण है कि ढोलकर षिखर की तराई में पक्षियों की 70 से ज्यादा प्रजातियां, जिसमें कुछ दुर्लभ भी है, देखने को मिली है। रवि के मुताबिक सिहाड़ी पत्तों के कारण यहां जंगल काफी घना है और इसके चलते यहां इको सिस्टम भी संतुलित है, जो पक्षियों के प्रवास के लिए पूरी तरह अनुकूल अवस्था है। दो दिनी सर्वे और कार्यषाला में साॅफटी स्मिथ, राहुल नाग, मनोज कष्यप, दीपक ठाकुर, सिया कच्छ, अप्रिल लकड़ा समेत गांव के स्थानीय युवा शामिल थे।


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इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के आधार पर दक्षिण बस्तर वेस्टर्न हिली अबूझमाड़ टैक्ट में शामिल है। रवि नायडू के अनुसार इस हिस्से में अब तक गहन अध्ययन एवं शोध नहीं हुए हैं, जिस वजह से यह इलाका पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों से समृद्ध होते हुए भी जंतु विज्ञानियों की नजरों से ओझल है। इसलिए आगे इस पर ज्यादा शोध और अध्ययन की आवष्यकता है, जिससे इसे पक्षी अभ्यारण्य के रूप में संरक्षित कर इको टूरिज्म को बढ़ावा दे सकते हैं। सर्वे में पक्षियों के अलावा तितलियों और डेगन फलाई की कुछ नई प्रजातियां, औषधि युक्त पौधे की करीब 20 प्रजातियां देखने को मिली है। जिनकी वैज्ञानिक आधार पर पहचान की गई है।
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प्रवासी पक्षियांे का बसेरा
ढोलकल की पहाड़ियों में पक्षियों की जो नई प्रजातियां देखने को मिली है, इनमें मालाबार टोगन, ग्रीन बिल्ड मल्कोहा, हर्ट स्पोटेड वूडकीपर, ब्लेक नेप्पड ओरिओस यह प्रजाति मंगोलिया की, वरडीटर फलाईकैचर हिमालयीन, अल्टामरीन फलाईकैचर ये भी हिमालय से, ग्रीनीष वार्वलर, इंडियन पैराडाइिष फलाइकैचर, इंडियन स्कीमिटर बाबलर आदि शामिल है।
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चर्चा कर कार्ययोजना बनेगी
01 ढोलकल की पहाड़ियों में फाॅरेस्ट के द्वारा किसी तरह का रिसर्च नहीं कराया गया है, हालांकि खबर अच्छी है, निष्चित ही क्रो फाउंडेषन के अलावा अन्य संस्थाओं से जो बस्तर में वन्य जीवों पर शोध, अध्ययन कर रही हो, संपर्क कर इस दिषा में कार्ययोजना बनाई जाएगी।

अभय श्रीवास्तव, (सीसीएफ, वाइल्ड लाइफ)

नईदुनिया की खबर को एफबी में साझा कर सीएम ने दी बधाई

बीजापुर। सेण्डरा इलाके में 20 साल बाद 19 स्कूल के पुनः संचालन को लेकर नईदुनिया में प्रकाषित खबर को मुख्यमंत्री भूपेष बघेल द्वारा अपने फेसबुक अकाउंट मे साझा करते हुए षिक्षकों की टीम को बधाई दी है। 20 नवंबर को नईदुनिया ने नक्सलमांद में तीन दिन में शुरू कर दिए 19 बंद स्कूल शीर्षक से खबर का प्रकाषन किया था। जिसे संज्ञान में लेते हुए सीएम भूपेष ने समाचार कतरन को अपने एफबी अकाउंट में साझा करते हुए लिखा कि इन 19 गांवों में अब स्कूल की घंटी बजने लगी है। अधिकारियों एवं षिक्षकों की टीम मेहनत रंग लाई, उन सबको बधाई। हमारे बच्चे अब हाथ में कलम थामकर इतिहास रचेंगे। विदित हो कि इंद्रावती नेषनल पार्क में बसे सेण्डरा समेत चार पंचायत में 20 साल से स्कूल का संचालन बंद है। सरकार की तरफ से अंदरूनी इलाकों में वर्षों से बंद ऐसे स्कूलों को पुनः चालू करने के आदेष षिक्षा विभाग को दिए थे। बीजापुर में सेण्डरा, केरपे, पिल्लूर इलाके में स्कूल रीओपन करवाना षिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती थी, बावजूद भोपालपट्नम बीईओ सुखराम चिंतूर के नेतृत्व में षिक्षकों की टीम ने तीन दिनों में नक्सली खलल की परवाह ना करते हुए 19 स्कूल पुनः संचालित कर दिए। जिसके बाद जिला प्रषासन ने षिक्षा विभाग के इस कारनामे की तारीफ की, वही प्रदेष के मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने भी नईदुनिया में प्रकाषित लाइव रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए षिक्षकों की टीम को बधाई देते हुए बच्चों को अच्छे कल की शुभकामनाएं दी हैं।

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