छत्तीसगढ़ सरकार का ऐतिहासिक निर्णय प्रदेश की राजनीति का भूगोल बदलेगी

रायपुर । स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भूपेश बघेल के ओबीसी को 27% प्रतिनिधित्व देने की घोषणा से प्रदेश का राजनैतिक भूगोल बदलने वाला है।

अनुसूचित जाति/जनजाति को सविंधान लागू होते ही आर्टिकत 330, 332 के तहत पंच से लेकर लोकसभा सदस्य तक राजनैतिक प्रतिनिधित्व मिल रहा था। लेकिन पिछड़ा वर्ग को नही पिछड़ा वर्ग को मंडल कमीशन लागू होने से 1994 में पंचायत और नगर पंचायत में आरक्षण मिलना चालू हुआ, इसी आरक्षण के चलते प्रदेश के कई नेता को पंचायत से विधानसभा पहुंचने लगे है जिसमे प्रमुख कोमल जंघेल (खैरागढ़) जिला पंचायत सदस्य, दलेश्वर साहू( डोंगरगाव) जिला पंचायत सदस्य, भुनेश्वर बघेल(डोंगरगढ़) जिलापंचायत सदस्य, छन्नी साहू( खुज्जी) जिला पंचायत सदस्य, शकुंतला साहू( कसडोल) जिला पंचायत सदस्य, सरोजनी बंजारे( डोंगरगढ़) सदस्य जिला पंचायत, रमशीला साहू, नाथू राम साहू, कृपा राम साहू, और बहुत नाम है जो पंचायत के रास्ते विधानसभा में पहुंचे ।

अभी तक पंचायत और नगरीय निकाय में एस सी/ एसटी का रिजर्वेशन जिले की जनसंख्या अनुसार अगर 50% से कम सीट होने की स्थिति में ही ओबीसी के लिये 25% सीट आरक्षित होती थी अगर एससी/एसटी के सीटो की संख्या 50% हो जाती थी तो ओबीसी के लिये सीट रिजर्व नही होती थी,

लेकिन अब ओबीसी को पंचायत और नगरीय निकाय में 27% रिजर्वेशन देना ही पड़ेगा, इससे ज्यादा मात्रा में ओबीसी के जनप्रतिनिधि पंचायत और नगरीय निकायों में और अंततः विधानसभा में जाएंगे,

भूपेश बघेल के मास्टर स्ट्रोक से प्रदेश का राजनैतिक भूगोल में उथल पुथल मचना तय है

कुमार दिनेश

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