बड़ी खबर-हाईकोर्ट में सकरी कचरा डंप के खिलाफ पीआईएल मंजूर, नगर निगम ने पौल्यूशन बोर्ड की मनाही के बाद भी कचरा डंप करना शुरू कर दिया था

 रायपुर के पत्रकार ब्यासमुनी द्विवेदी ने रायपुर नगर निगम के खिलाफ लगाई पीआईएल, सरकार को भी बनाया पार्टी

रायपुर, 30 जुलाई 2019। नगर पालिका निगम रायपुर द्वारा रायपुर से लगे ग्राम सकरी में रायपुर से प्रतिदिन निकलने वाला 500 टन सूखा गीला कचरा डंप करने का मामला कोर्ट पहुंच गया. याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया की निगम द्वारा सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट रूल, 2016 के किसी भी प्रावधान का पालन किए बिना, सकरी में कचरा डंप किया जा रहा है. निगम द्वारा जिस प्रकार से कचरा डंप किया जा रहा है वह नहीं किया जा सकता. सिर्फ इमरजेंसी की परिस्थितियों में या राष्ट्रीय विपदा के समय कचरा डंप किया जा सकता है, वह भी तब जब वहां सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगा हो.

नगर निगम के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया की निगम द्वारा प्लांट लगाने की सभी अनुमतिया प्राप्त कर ली गई है और शीघ्र ही प्लांट चालू कर लिया जाएगा तब किसी को कोई कष्ट नहीं होगा. शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि राज्य, याचिकाकर्ताओं की तकलीफों को मानता है और उनके कथन का समर्थन करता है, राज्य के अधिवक्ता ने कहा की निगम को समय सीमा में प्रोजेक्ट पूरा करना चाहिए और बताना चाहिए की निगम ने सभी नियमों का पालन किया है कि नहीं. माननीय मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति पीआर रामचंद्रन मेनन तथा न्यायमूर्ति पी पी साहू की पीठ ने 26 जुलाई को याचिका को स्वीकार करते हुए 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने याचिका में न्यायालय को अवगत करवाया कि:-

1. नगर पालिक निगम ने 1 जून को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से सकरी में कचरा डंप करने की अनुमति मांगी थी, जिसे देने से पर्यावरण संरक्षण मंडल ने 27 जून को यह कह कर मना कर दिया कि कचरा डंप करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. परंतु पर्यावरण संरक्षण मंडल के कचरा डंप करने के मनाही के आदेश के पहले ही 26 जून से निगम ने सकरी में कचरा डंप करना चालू कर दिया.
2. निगम के पास सकरी में 50 टन कचरे से बनने वाली बिजली का प्लांट तथा 300 टन कचरे से बनने वाले रेसीडुएल फ्यूल (RDF) के प्लांट लगाने की अनुमति है. यह प्लांट हवाई अड्डे से 10.42 किलोमीटर की दूरी पर लगाया जाना प्रस्तावित है. सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट नियम के तहत हवाई अड्डे से 20 किलोमीटर की दूरी से ज्यादा में ही सॉलि़ड वेस्ट प्लांट से निकलने वाले अवशेष को जमा करने के लिए भूमि भरण स्थल को विकसित किया जा सकता है. सिर्फ विशेष परिस्थितियों में डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन की एनओसी प्राप्त होने उपरांत ही हवाई अड्डे से 10 से 20 किलोमीटर की दूरी में प्लांट से निकलने वाले अवशेष को जमा करने के लिए भूमि भरण स्थल बनाया जा सकता है, किसी भी स्थिति में हवाई अड्डे से 10 किलोमीटर के दायरे के अंदर यह विकसित नहीं किया जा सकता. परंतु इस प्रकार की भूमि भरण स्थल विकसित करने की कोई भी एनओसी नगर निगम के पास नहीं है जबकि सकरी में आवंटित की गई भूमि का आधा हिस्सा हवाई अड्डे से 10 किलोमीटर के दायरे के अंदर आता है तथा शेष 10 से 20 किलोमीटर के दायरे में आता है.
3. जो जगह निगम को आवंटित की गई है वहां पहले लगभग 5 एकड़ भूमि में तालाब था, जिसे निगम ने मिट्टी से पाट दिया है. जबकि सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट नियम के तहत तालाब से 200 मीटर की दूरी के अंदर प्लांट से निकलने वाला अवशेष भी जमा नहीं किया जा सकता.
4. ग्राम सभा से कोई भी अनुमति जारी नहीं की गई है.
5. जिस स्थान पर कचरा डंप किया जा रहा है उससे 50 से 500 मीटर के भीतर हाउसिंग बोर्ड के और संस्कार सिटी के 1371 मकान है.

याचिका सकरी क्षेत्र के निवासियों एवं जनप्रतिनिधियों व्यास मुनि द्विवेदी, तिहरूराम सिन्हा, नेमीचंद धीवर, विजय साहू, कमलेश्वरी सिन्हा एवं संतोषी पप्पू बंजारे ने दायर की है, जिसमें राज्य शासन, सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन भारत सरकार, सचिव नगरी निकाय एवं विकास छत्तीसगढ़, डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एवियशन, नगर पालिक निगम रायपुर और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को पक्षकार बनाया गया है.

व्यासमुनि द्विवेदी की रिपोर्ट

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