भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए सीबीएसई स्कूलों को बंद किये जाने की तैयारी

सुरेश महापात्र

बस्तर संभाग में अंग्रेजी माध्यम के सीबीएसई स्कूलों का संचालन भाजपा सरकार ने शुरू किया था।

शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के कार्यकाल में यह फैसला लिया गया था।

बस्तर संभाग के सभी ब्लाक मुख्यालय में इसका संचालन किया जा रहा है।

राज्य शासन ने एक प्रक्रिया द्वारा डीएवी ग्रुप को शाला संचालन का दायित्व पीपीपी मॉडल के तहत सौंपा।

इन शालाओं में फीस नहीं ली जाती है।

शासन द्वारा डीएवी ग्रुप को वेतन एवं प्रबंधन का खर्च प्रदान किया जा रहा है।

शाला संचालन के लिए भवन की व्यवस्था सरकार ने करवाई है।

दंतेवाड़ा जिले में इन शालाओं के लिए हास्टल का संचालन किया गया है। जिसे बंद करने की सूचना है।

डीएवी संचालित शालाओं को भी क्रमश: बंद करने की जानकारी मिली है।

दंतेवाड़ा में हास्टल का व्यय डीएमएफ मद से किया जाता रहा।

डीएमएफ को लेकर नई व्यवस्था के बाद यह परिस्थिति निर्मित हुई है।

सवाल तीन हैं

पहला सरकार स्वयं अंग्रेजी माध्यम का स्कूल संचालित कर सकती है तो निजी को लीज पर संसाधन देने की जरूरत क्यों पड़ी?

जब बड़ी परीक्षा के लिए एनसीईआरटी का सिलेबस मान्य है तो सीजी पैटर्न की पढ़ाई से बच्चों का भविष्य क्यों बिगाड़ा जा रहा है?

क्या सरकार अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक तैयार करने में असमर्थ है?

अगर सरकारी शाला की व्यवस्था सही हो जाए तो पालक प्राइवेट स्कूल की दौड़ क्यों लगाएंगे…

सलाह माने या शिकायत आपकी मर्जी…

सुरेश महापात्र बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार है यह पोस्ट उनके फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है

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