भगत सिंह अच्छा हुआ तुम न रहे !! – आज की कविता

हमने तुम्हारी वर्षगाँठ को भी धंधा बना लिया है, भगतसिंह हमने तुम्हारी प्रतिमा को भी कुर्बानी का प्रमाण पत्र थामे

Read more

शब्द चिड़ियों की तरह रहती है- आज की कविता

( प्रसिद्ध कवि और छायाकार त्रिजुगी कौशिक जी नहीं रहे । जन संपर्क विभाग में नौकरी करते हुए उन्होंने बस्तर

Read more

नव-बारहमासा-आज की कविता :

आषाढ़ में फैलती ही हैं बीमारियाँ सावन-भादो में आती ही है मंदी आसिन बहुत उपयुक्त है दंगों के लिए कतिकसन

Read more

हर किसी की सीमा तय करने का वक़्त है– आज की कविता

साकलदीपी ब्राह्मण बताते हैं उत्स मगह मगह के बाहर के साकलदीपियों को खदेड़ दिया जाए कान्यकुब्जों को भेजा जाए कान्यकुब्ज

Read more

समय नहीं है : आज की कविता

मैं अभी शामिल नहीं होना चाहता आपकी अकादमिक बहस में आपकी शास्त्रीय पुनर्व्याख्याएं कर सकती हैं इंतज़ार आपकी बहसें मुल्तवी

Read more
error: Content is protected !!